खाली बोतल की तरह हर आदमी है खाली
हर खाली बोतल की तरह हर आदमी है खाली
ये भी क्या
कोई……। ये भी क्या कोई जिंदगी है साली
खाली बोतल की तरह हर आदमी है खाली
मुझको इस दुनिया में पहचान सका न कोई
दर्द मेरे दिल का तो जान सका न कोई
जब जब गम ने घेरा तो थोड़ी सी चडा ली
अपनी भी क्या
कोई ज़िन्दगी है साली
खाली बोतल की तरह हर आदमी है खाली
सोचा था पढ़ लिख कर…….
सोचा था पढ़ लिख कर आदमी बनूँगा
क्या खबर थी……….
क्या खबर थी सडकों पर आवारा फिरूंगा
न तो साला घर है………
न तो साला घर है न है घरवाली
ये भी क्या कोई जिदगी है साली
खाली बोतल की तरह हर आदमी है खाली
हो तू अकेला नहीं साथ मैं हूँ तेरे
आके लग जा गले से ओ साथी मेरे
मेरे बाहों में आ आ तुझे प्यार दू
मैं तेरी जिंदगी आजा स्वर दू
तेरे सपने सजाऊँगी तुझको जीना सिखाऊंगी
तुझे अपनी ख़ुशी देके
तेरा हर गम उठाऊंगी
तूने अपनी हालत ये क्या से क्या बना ली
ज़िन्दगी
सागर है……
ज़िन्दगी
सागर है हर मौज है ये जीने वाली
खाली बोतल की तरह हर आदमी है खाली
ज़िन्दगी
सागर है……
ज़िन्दगी
सागर है हर मौज है ये जीने वाली