Wednesday, March 26, 2014

फ़साना

आदमी था काम का दीवाना बन कर रह गया !
तुम्हारी याद में मिटकर फ़साना बन कर रह गया !!

वो नगमा जिसे हम लिखते थे और तुम गुनगुनाते थे !!
वही नगमा हमारे प्यार का तराना बन कर रह गया !!

वही दिलकश नज़ारे हैं जहाँ मिलते थे हम और तुम !!
तेरी यादों का ताजमहल मेरा ठिकाना बन कर रह गया !!

हमारा दिल जिसमे आजतक उल्फत तुम्हारी है !!
मेरे महबूब तेरी यादों का आशियाना बन कर रह गया !!

मिले वो आज हमसे जुदा होकर इतने सालों बाद !
थी कल तक तो  मेरी  पहचान मगर अंजना बन कर रह गया !!

किया "शक्ति" ने तो तुमसे सच्चा प्यार ऐ दिलबर !
ज़माने में क्यों मेरा प्यार एक अफसाना बन कर रह गया !!

*Written by Shakti*
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Monday, March 24, 2014

हम हिदुस्तानी अवाम थे

दिलाई जिन्होंने आज़ादी वो देश के नवजवान थे !
आज के भारत को देखा कुछ हिन्दू , कुछ मुसलमान थे !!

धर्म के नाम पर आज सियासत किस कदर है हो  रही!
ये भी भुला दिया गया कि हम हिदुस्तानी अवाम थे !!

आज धर्म के नाम पर मेरे देश को बाँट कर रख दिया !
फूट डाल कर राज्य करने वाले अंग्रेजी शैतान थे !!

बहुत ही ज्यादा आहत हूँ मैं हिन्दू मुस्लिम निति पर!
वर्ना भारत कि संस्कृति में सब धर्म सम्मान थे !!

आज हमारे भारत में तो हिन्दू मुस्लमान हैं !
वर्ना यहीं पर बसने वाले हिंदुस्तानी महान थे !!

सेकुलर भारत बने, और सभी  सम्मान हो !
आज़ादी में लड़ने वालों के बस यही अरमान थे !!

पूंछा मैंने शहीदों से तुम हिन्दू थे या मुसलमान थे !
उनकी रूह से आवाज़ आई "शक्ति " हम इंसान थे !!
( Written By Shakti )

Sunday, March 23, 2014

तुम्हारी याद लिखी है

तुम्हारे प्यार कि यादें तुम्हारे बाद लिखी है !
जो बाकी रह गई दिल में सनम वो बात लिखी है !!

लिखी हमने बहुत नज़मे तुम्हारे प्यार कि लेकिन !
जो अब तक भी न लिख पाये नज़म वो आज लिखी है !!

मिले  थे आप जब मुझसे वो मौसम याद है मुझको !
हमारे प्यार कि पहली वाही बरसात लिखी है !!

तुम्हारा रूठना मुझसे मेरा अक्सर मन लेना !
जिसे सुनती थी तुम अक्सर वही आवाज़ लिखी है !!

चले आये शहर को छोड़ कर तेरी जुदाई में !
जो रोते, रोते गुज़री थी सनम वो रात लिखी है !!

कलम जज़्बात का लेकर भरा अस्कों कि सियाही से !
सनम कुछ इस तरह हमने तुम्हारी याद लिखी है !!

फ़साना मत समझना तुम मेरे शेर ओ शायरी को यारों !
जो गुज़री है हमारे साथ वही हर बात लिखी है !!
| Written By Shakti |

दिल चाहता है

हवा खुशनुमा वादियां भी हंसी है !
तुझे याद करने को दिल चाहता है !!
मेरा आज सब दूरियों को मिटाकर !
तेरे पास आने को दिल चाहता है !!

ये तन्हायिां रात भी चांदनी है !
तेरे पास आने को दिल चाहता है !!
तुझे अपनी बाँहों के घेरे में ले कर !
कुछ सुनने, सुनाने को दिल चाहता है !!

वो नगमा जिसे सुनके तू मुस्कुराये !
उसे गुनगुनाने को दिल चाहता है !!
मुह्हबत कि सारी हदों को भुलाकर !
तुझे प्यार करने को दिल चाहता है !!

सभी चाहतों के समुंदर में शक्ति !
मेरा डूब जाने को दिल चाहता है !!

Saturday, March 22, 2014

मोहब्बत को Install कर Delete ना कर

तुम्हारे प्यार को दिल में, मैं Save कर लूँगा !
जुदाई को हमेशा के लिए Delete कर दूंगा !!
ख्याल आये जो तेरे बाद किसी का भी !
जहन को फिर मैं अपने यूहीं Refresh कर लूँगा !!

तुम्हारा प्यार कितना है अपने दिल में दिखा दूंगा !
अगर चाहो तो अपने दिल मैं Scan कर लूँगा !!
हमारा नाम अपने दिल में Insert कर लेना !
तेरे खातिर तो मैं खुद भी कभी Num Lock कर लूँगा !!

करीब आओ मेरे दिल के तुम्हें खुशियां बड़ी दूंगा !
तेरे हर गम को मैं तुम्हारे दिल से Hack कर लूँगा !!
मेरी खातिर, मेरी यादों को कभी Close न करना !
तेरी हर बात तो मैं अपने दिल  में Install कर लूँगा !! 

मुझे छोड़ कर न जाना कभी तनहा इस System में !
नहीं तो खुद को तेरे प्यार में Currupt कर लूँगा !!
हमारी दोस्ती और प्यार को Start कर के देख !
तेरे खातिर सभी कि दोस्ती को Turn Off कर दूंगा !!

मेरी आखों के Web Cam में सिर्फ तू ही नज़र आती है !
तेरी खातिर अपनी जुदाई को मैं भी Ctrl कर लूँगा !!
हमारे प्यार को फिर से कभी Rename कर के देख !
तेरे बिसवास को हर दम मैं Save As कर  लूँगा !! 

तुम  शक्ति  कि  मोह्हबत  को  हमेशा  Turn On ही  रखना !
नहीं  तो  तेरे  दिल  में  अपने  प्यार  को  हमेशा  के  लिए  Remove कर  दूंगा !!

(Written By Shakti)

Thursday, March 13, 2014

रंग बनके दिलों में छा जायें!

होली आई  है  रे !
दिलों में रंग भर लाई है रे !!
चलो एक से चार हो जाये !
रंग बनके दिलों में छा जायें!

फिर न रहे किसी से भी नफरतें !
दोस्त बन के फिर दोस्ती पे छा जाएँ !!
आज कर लो सब सिक्वे गिले फ़ना !
मैं नहीं, तू नहीं, हम सब चुने एक अपना जहाँ !!

 रंग दिलों में उतर गया !
कोई अपना हो गया !!
फिर न कोई अपना पराया हो !
फिर चाहे तेरा साथ हो, या तेरा साया हो !!


Wednesday, March 12, 2014

uske hothon pe kuchh kapta lyrics

uske hothon pe kuchh kapta lyrics

उसके होटों पे कुछ कांपता रह गया !
आते, आते मेरा नाम सा रह गया !!

वो मेरे सामने ही गया और मैं !
रस्ते कि तरह देखता रह गया !!

झूट वाले कहाँ से कहाँ बढ़ गए !
एक मैं थे कि सच बोलता रह गया !!

आँधियों के इरादे तो अछे न थे !
मगर ये दिया कैसे जलता हुआ रह गया !!

तू फस गई रे !!


नैनों ने ऐसा जादू किया रे !
देखा जो तुझको घायल हुआ रे !!

देख के मुझको हंस गई रे !
मैंने सोचा कि तू फस गई रे !!…………

सोचता हूँ मैं अपने ख्यालों में !
कैसे मिली मुझे इन राहों में !!

दिल कि किताब में तेरा नाम लिखूंगा !!
शाम ओ शहर फिर तुझे याद करूँगा !!

प्यार हम भी करते हैं !
प्यार तुम भी करते हो !!

 फिर भी न जाने कहने से डरते हो !
आज तुम्हारे सामने दिल का इकरार करते हैं !!

(Written By Shakti)

Monday, March 10, 2014

तूने जो मुह मोड़ा

दुनिया ने दिल तोडा, मुझको तनहा छोड़ा !
जीना नहीं मुझे यारा, तूने जो मुह मोड़ा !!
आईने  खवाबों  के  टूटे मेरी  आँखों  में  चुभने  लगे  हैं !
जलने  लगे  मेरे  नगमे रंग  यादों  के  बुझने  लगे  हैं !!

हमराह  मेरे  था  सारा  ज़माना अब  सिर्फ  तन्हाईयाँ !
होंठों  पे  सबके  था  मेरा  तराना अब  है  रुवाईयां !!
नज़दीक  आ  धड़कने  सुन तेरे  लिए  है  यह  आँखें  नाम, सनम !
तू  पास  हो  तोह  जहां  के  हसके सह लूँगा  मैं  हर  सितम, गम !!

तेरे  बिना  मेरी क्या  जिंदगानी उडाता  हुवा  इक  धुंवां !
तेरे  बिना  मेरी  क्या  है  कहानी मिटा  हुवा  इक  निशाँ !!
दुनिया ने दिल तोडा, मुझको तनहा छोड़ा !
जीना नहीं मुझे यारा, तूने जो मुह मोड़ा !!

Friday, March 7, 2014

बस आप को जितवा दो !!

कोंग्रेस को भी हरवा दो !
बीजेपी को भी हरवा दो !!
भले मुझ से करवा लो तुम सड़कों में धरना !
पर जैसे भी हो बस आप को जितवा दो !!

वो मेरा अन्ना के साथ अनसन का  करना !
फिर कोंग्रेस और बीजेपी  का हमसे पार्टी बनाने को बोलना !!
फिर मेरा वो पार्टी का बनाना और इलेक्शन का लड़ना !
इलेक्शन लड़ के वो मेरा चीफ मिनिस्टर का बनना !!

वो मेरा गुजरात में जाना और लोगों का विरोध सहना !!
फिर मेरा आचार सहिंता का उलंघन करना !
उलंघन करके वो मेरा थाने में जाना !
और फिर ये कहना ये सब मोदी का करवाना !!

वो बीजेपी के ऑफिस के बहार का प्रदर्सन करना !
फिर बीजेपी वालों का ईंट रोड़ों का फेकना !!
फिर हमारे कार्यकर्ताओं का पीटना !!
फिर लोगों के हांथों में और सर में चोटों का लगना!
फिर लोगों को हॉस्पिटल में एडमिट करवाना !!

चीफ मिनिस्टर बनके वो मेरा फोर्टी नाइन डेज का रहना!!
कुछ भी समझ में नहीं आना और फिर मेरा रिज़ाइन करना !!

। लेखक :- शक्ति दीन |

Saturday, March 1, 2014

रिश्ता हर, दीवार सा लगता है

रिश्ता हर, दीवार सा लगता है
झूठा इश्तहार सा लगता है,
प्यार मोहब्बत सीधे-सादे रस्ते है,
चलना इन पर तलवार सा लगता है,
खुदगर्जी ने दोस्त बनाये बहुत मगर ,
लेन-देन ब्यापार सा लगता है .
परदेश कमाने गया है बेटा जब से ,
घर में बूढ़ा एक बीमार सा लगता है,
दो कुल कि लाज निभाती है बिटिया ,
उसका आना त्यौहार सा लगता है,
माँ से बढ़ कर कोई नहीं इस दुनिया में
होना उसका ईश्वर का अवतार सा लगता है.