Thursday, March 13, 2014

रंग बनके दिलों में छा जायें!

होली आई  है  रे !
दिलों में रंग भर लाई है रे !!
चलो एक से चार हो जाये !
रंग बनके दिलों में छा जायें!

फिर न रहे किसी से भी नफरतें !
दोस्त बन के फिर दोस्ती पे छा जाएँ !!
आज कर लो सब सिक्वे गिले फ़ना !
मैं नहीं, तू नहीं, हम सब चुने एक अपना जहाँ !!

 रंग दिलों में उतर गया !
कोई अपना हो गया !!
फिर न कोई अपना पराया हो !
फिर चाहे तेरा साथ हो, या तेरा साया हो !!


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