तसुव्वर में नज़र आये ख्यालों में नज़र आये !
मुझे तो हर जगह दिलबर तेरा चेहरा नज़र आये !!
कभी देखूं मेरे पहलु में जैसे आके बैठी हो !
पलट कर देखता हूँ तेरा चेहरा नज़र आये !!
मैं देखूं सुबह को उठकर गिरे शबनम सी पत्तों पर !
मुझे शबनम की बूंदों में तेरा चेहरा नज़र आये !!
कभी सुनता हूँ मैं आहात तेरे आने की कुछ ऐसी !
जरा सोचूँ ख़्यालों में तेरा चेहरा नज़र आये !!
कभी तो दिल ये करता है तेरा आइना बन जाऊं !
जिसे तो जब भी देखे बस तेरा चेहरा नज़र आये !!
मैं जब लिखने को लगता हूँ ग़ज़ल कोई मोह्हबत की !
कलम में और किताबों में तेरा चेहरा नज़र आये !!
(Written By Shakti )
मुझे तो हर जगह दिलबर तेरा चेहरा नज़र आये !!
कभी देखूं मेरे पहलु में जैसे आके बैठी हो !
पलट कर देखता हूँ तेरा चेहरा नज़र आये !!
मैं देखूं सुबह को उठकर गिरे शबनम सी पत्तों पर !
मुझे शबनम की बूंदों में तेरा चेहरा नज़र आये !!
कभी सुनता हूँ मैं आहात तेरे आने की कुछ ऐसी !
जरा सोचूँ ख़्यालों में तेरा चेहरा नज़र आये !!
कभी तो दिल ये करता है तेरा आइना बन जाऊं !
जिसे तो जब भी देखे बस तेरा चेहरा नज़र आये !!
मैं जब लिखने को लगता हूँ ग़ज़ल कोई मोह्हबत की !
कलम में और किताबों में तेरा चेहरा नज़र आये !!
(Written By Shakti )
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