किस्मत ने किस हसीन का शोहर बना दिया !
अच्छा भला था साहब नौकर बना दिया !!
और शादी से पहले मैं भी तो काला गुलाब था !
उसकी निगाह शोक ने गुल्लर बना दिया !!
पहले तो मैं एक चेक था 18 लाख का !
बेगम कि ख़ाहिशात ने चिल्लर बना दिया !!
सिर्फ पगड़ी गवां के आया हूँ !
सर तो लेकिन बचा के आया हूँ !!
जिसको आती थी इश्क़ कि मिर्गी !
उसको जूता सुंघा के आया हूँ !!
जिसकी नज़रे थे मेरी मुर्गी पर !
उसको मुर्गा बना के आया हूँ !!
और दोनों बेगम लड़ेंगी परसों तक !
ऐसी पट्टी पढ़ा के आया हूँ !!
जिनकी नज़रों ने दिल चुराया था !
उनका बटुआ चुरा के आया हूँ !!
मैं तो सुंदर था पहले भी !
आज पाउडर लगा के आया हूँ !!
आम खाती रही बीबियाँ रात भर !
मैं उडाता रहा, मैं उडाता रहा मखियाँ रात भर !!
दिल जलाती रही सालियाँ रात भर !
साले करते रहे मस्तियाँ रात भर !!
देखते देखते फिर सुबह हो गई !
दोनों खाते रहे फल्लियां रात भर !!
मुर्गा एक टांग पर सिर्फ सोता रहा !
कुड़कुड़ाती, कुड़कुड़ाती रही मुर्गियां रात भर !!
कि छत टपकती रही अबके बरसात में !
ले के फिरता रहा छतरियां रात भर !!
अच्छा भला था साहब नौकर बना दिया !!
और शादी से पहले मैं भी तो काला गुलाब था !
उसकी निगाह शोक ने गुल्लर बना दिया !!
पहले तो मैं एक चेक था 18 लाख का !
बेगम कि ख़ाहिशात ने चिल्लर बना दिया !!
सिर्फ पगड़ी गवां के आया हूँ !
सर तो लेकिन बचा के आया हूँ !!
जिसको आती थी इश्क़ कि मिर्गी !
उसको जूता सुंघा के आया हूँ !!
जिसकी नज़रे थे मेरी मुर्गी पर !
उसको मुर्गा बना के आया हूँ !!
और दोनों बेगम लड़ेंगी परसों तक !
ऐसी पट्टी पढ़ा के आया हूँ !!
जिनकी नज़रों ने दिल चुराया था !
उनका बटुआ चुरा के आया हूँ !!
मैं तो सुंदर था पहले भी !
आज पाउडर लगा के आया हूँ !!
आम खाती रही बीबियाँ रात भर !
मैं उडाता रहा, मैं उडाता रहा मखियाँ रात भर !!
दिल जलाती रही सालियाँ रात भर !
साले करते रहे मस्तियाँ रात भर !!
देखते देखते फिर सुबह हो गई !
दोनों खाते रहे फल्लियां रात भर !!
मुर्गा एक टांग पर सिर्फ सोता रहा !
कुड़कुड़ाती, कुड़कुड़ाती रही मुर्गियां रात भर !!
कि छत टपकती रही अबके बरसात में !
ले के फिरता रहा छतरियां रात भर !!